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गोरखपुर शहर के असुरन-पिपराइच मार्ग पर स्थित गीता वाटिका राधा-कृष्ण भक्ति का प्रमुख केंद्र है। इस मंदिर की पहचान दुनिया भर में है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से पर्यटक यहां आकर राधा-कृष्ण की भक्ति में रम जाते हैं।
मंदिर का इतिहासः सदर बाजार स्थित मां काली देवी का मंदिर 450 वर्ष से ज्यादा पुराना है। बताते हैं कि यहां पहले श्मशान घाट हुआ करता था। तब यहां मां काली की छोटी सी मूर्ति थी। लोग जब भी यहां आते, मूर्ति की भी पूजा-अर्चना करते थे। उनकी मनोकामना भी पूरी होने लगी तो धीरे-धीरे लोगों में अटूट श्रद्धा बन गई। करीब डेढ़ सौ साल पहले यहां इस मंदिर की स्थापना हुई। अब यह सिद्पठ के रूप में यह मंदिर जाना जाता है और अन्य राज्यों के लोग यहां मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।
संकट मोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर गोरखपुर में तारामण्डल बाईपास रोड पर प्रमुख स्थान है । यहाँ पंचमुखी सफेद संगमरमर से निर्मित संकट मोचन की आकर्षक मुर्ति स्थापित है । आज यहाँ लगभग सभी प्रमुख देवी- देवताओं की प्रतिमा स्थापित है । श्री शिव जी , शनि देव , लछ्मीनारायण , श्री गणेश, माता आदि शक्ति, काली मा आदि देवता स्थापित हैं।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान गोरखपुर-देवरिया बाईपास मार्ग पर स्थित है। यह गोरखपुर रेलवे /बस स्टेशन से लगभग 8 किमी दूर है । यह प्राणी उद्यान पूर्वांचल का पहला तथा उत्तर प्रदेश का तीसरा प्राणी उद्यान है। इसके एक किनारे पर ऐतिहासिक रामगढ़ ताल झील स्थित है