lucknow me ghumane ki 12 jagah – lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की शान के बारे में जो कुछ भी कहा जाये काम ही लगता है।ये बेहद ही खूबसूरत शहर है यह शहर नवाबों के शहर के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है। जितनी मीठी यहाँ की बोली है उतने ही लुभावने हैं। यहाँ पुराने बाज़ार। इतिहास में अपनी एक अलग पहचान लिए हुए यह शहर वास्तु कला के एक से एक नमूनों को खुद में समेटे हुए है।
छोटा इमामबाड़ा | Chhota Imambara
lucknow me ghumane ki 12 jagah – छोटा इमामबाड़ा या हुसैनाबाद का इमामबाड़ा उत्तर प्रदेश के पुराने शहर लखनऊ की सबसे खूबसूरत और आकर्षक इमारतों में से एक है। यह भव्य स्मारक बड़ा इमामबाड़ा के पश्चिम में स्थित है। छोटा इमामबाड़ा शुरू में शिया मुसलमानों के लिए एक मण्डली हॉल था जिसे 1838 में अवध के तीसरे नवाब मुहम्मद अली शाह द्वारा बनाया गया था | उनकी बेटी जिन्नत अलगिया की मृत्यु छोटी सी उम्र में हो गयी थी |मुख्य द्वार से इमामबाड़े की और जाते हुए दाहिने तरफ जो मकबरा दिखाई देता है उसमे जिन्नात को दफनाया गया था| ताजमहल से प्रेरित ये मकबरा बहुत ही छोटे से फैलाव में बना है| जो घूमने फिरने के लिहाज से बेहद खूबसूरत है | इमामबाड़े का मुख्य परिसर तीन हिस्से में बांटा गया है |
बड़ा इमामबाड़ा | Bada Imambada
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से लखनऊ की शान कहे जाने वाले इमामबाड़ा का जानिए इतिहास उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित बड़ा इमामबाड़ा यहां के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक हैं| जो शहर की संस्कृति और समृद्ध विरासत की भव्यता का प्रतीक है। इसका निर्माण 1784 ई. में अवध के नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा कराया गया था ताकि लोगों को रोजगार मिल सके क्योंकि लखनऊ में अकाल पड़ गया था | सुबह इसका निर्माण कार्य शुरू होता था और रात में इसको गिरा दिया जाता था| बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ की एक ऐतिहासिक धरोहर है इसे भूल भुलैया भी कहते हैं|अंदर जाने के लिए इसमें 1000 से भी ज्यादा छोट बड़े रास्तो का जाल है वही बाहर निकलने के लिए 2 रस्ते है| यहाँ अच्छे से अच्छा पर्यटक भी रास्ता भूल जाता ह |
रूमी दरवाजा | Rumi Darwaja
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से लखनऊ, अवध के नवाबों की सीट, कई शानदार स्मारकों का घर है। लखनऊ में 60 फुट ऊंची रुमी गेट का निर्माण नवाब असफी-उद-दौला के शासनकाल के दौरान 1784-86 में हुआ था। यह कहा जाता है कि तुर्की में कॉन्स्टेंटिनोपल में प्राचीन पोर्टल पर डिजाइन किया गया है।अवध वास्तुकला के प्रतीक इस गेट को तुर्की गेट भी कहा जाता है ।रूमी दरवाजे के सभी इमारतों में लखौड़ी ईट और बादामी चूने का प्रयोगकिया गया है।रूमी दरवाज़ा लखनऊ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है।
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर पार्क | Dr. Babasaheb ambedkar park
lucknow me ghumane ki 12 jagah - अम्बेडकर मेमोरियल पार्क , जिसे औपचारिक रूप से डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल के नाम से जाना जाता है , यह एक सार्वजनिक पार्क और स्मारक है जो गोमती नगर , लखनऊ , उत्तर प्रदेश , भारत में स्थित है। यह स्मारक 20वीं सदी के भारतीय बहुज्ञ और भारत के पहले कानून मंत्री बीआर अंबेडकर को समर्पित है।
यह पार्क ज्योतिराव फुले , नारायण गुरु , बिरसा मुंडा , शाहूजी महाराज और कांशी राम के जीवन और स्मृतियों का भी सम्मान करता है । पार्क में 124 विशाल हाथिया बनायीं गयी हैं। इस स्मारक का निर्माण उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने प्रशासन के दौरान कराया था, जब वह बहुजन समाज पार्टी का नेतृत्व करती थीं ।
जनेश्वर पार्क | janeshvar park
lucknow me ghumane ki 12 jagah - जनेश्वर मिश्र पार्क भारत के लखनऊ में गोमती नगर में संचालित एक शहरी पार्क है। इसे एशिया का सबसे बड़ा सुन्दर उद्यान माना जाता है। यह समाजवादी पार्टी के दिवंगत राजनीतिज्ञ जनेश्वर मिश्र की याद में बनाया गया था। इस पार्क का उद्घाटन 5 अगस्त 2014 को शहर की आम जनता के लिए किया गया था | इस पार्क में लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं। इस पार्क में विभिन्न पंछी प्रजाति हैं जो लोगों के मनोरंजन का केंद्र है। इस पार्क में वोटिंग ,नृत्य मंच ,फुटबॉल का मैदान , टेनिस कोर्ट साइकिल ट्रैक, जॉगिंग ट्रेक है।
नवाब वाजिद अली शाह | Navab Vajeed Ali Shah
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से नवाब वाजिद अली चिड़िया घर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है यह 1921 में स्थापित हुआ था। यह चिड़ियाघर 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है जो राजधानी केंद्र में स्थित है । यह प्राणी उद्यान प्रिंस ऑफ़ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन के नाम से जाना जाता था। लोकप्रिय रूप से लखनऊ जूलॉजिकल गार्डन और बनारसी बाग के नाम से जाना जाता था।
गोमती रिवर पार्क | gomti river park
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से लखनऊ में स्थित गोमती रिवर फ्रंट शहर का बेहद ही शानदार और जानी-मानी जगह है। जो युवाओं की बेहद ही पसंदीदा जगहों में गिना जाता है। इसका उद्घाटन साल 2016 में अक्टूबर के महीने में हुआ था। जहां आपको युवाओं की भीड़ देखने के लिए मिल जाती है। मॉर्निंग वॉक के साथ-साथ अपने दोस्तों के साथ कुछ पल बिताने के लिए यह काफी अच्छी जगह है।गोमती को हिन्दू एक पवित्र नदी मानते हैं और भागवत पुराण के अनुसार यह पाँच दिव्य नदियों में से एक है।
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राज्य संग्रहालय | state museum
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से राज्य संग्राहलय उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थिति एक प्रमुख संग्राहलय हैहाँ संग्रहले वर्तमान में नवाब वाजिद अली शाह प्रणी उधान, वाराणसी बाग, लखनऊ में स्थित है|
छतर मंजिल | Chhatar Manzil
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से छतर मंजिल गोमती नगरके तट पर स्थित है । छतर मंजिल में एक बड़ी (बड़ी) छतर मंजिल और छोटी (छोटी) छतर मंजिल शामिल थी, हालाँकि केवल बड़ी छतर मंजिल ही मौजूद है। ये दोनों इमारतें इंडो-यूरोपीय-नवाबी स्थापत्य शैली का उदाहरण थीं, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में बड़ी छतर मंजिल में बदलाव किया गया है। महलों का नाम अष्टकोणीय मंडपों पर छतरियों (छाता के आकार के गुंबद) के नाम पर रखा गया था, जो इमारतों का ताज बनाते हैं। इस भव्य इमारत में बड़े भूमिगत कमरे और एक गुंबद है जिसके ऊपर एक सोने की छतरी लगी हुई है।
दिलकूशा कोठी | diku shah kothi
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से दिलकुशा कोठी का निर्माण नवाब सआदत अली खां ने 1789 से 1814 के बीच कराया था। पेड़ पौधों से घिरी यह कोठी आरामगाह के रूप में इस्तेमाल होती थी। अंग्रेज मेजर फोब्र्स ने अपनी डायरी में इस कोठी की विशेषता के साथ ही युद्ध का भी जिक्र किया है। काले हिरणों की संख्या यहां अधिक थी जिसे अंग्रेज मारकर खाते थे। दिलकुशा कोठी का निर्माण अवध के आखिरी नवाब सआदत अली खान ने 1797 से लेकर 1814 के बीच में करवाया था
डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क | dr. ram manohar lohiya park
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क 76 एकड़ के प्रभावशाली क्षेत्र में फैला है, जो इसे लखनऊ के सबसे बड़े पार्कों में से एक बनाता है।यह महान समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहियाकी स्मृति में किया गया था। प्रकृति प्रेमियों को आनंद आएगा क्योंकि पार्क में विविध पौधों की प्रजातियाँ हैं। अंदर चलते हुए, आपका स्वागत सुंदर चित्रों से सजा एक शानदार प्रवेश द्वार द्वारा होता है । डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क गोमती नगर क्षेत्र में स्थित है ।
घंटाघर | ghantaghar
lucknow me ghumane ki 12 jagah मे से लखनऊ का घंटाघर भारत का सबसे ऊंचा घंटाघर है। इसे ब्रिटिश वास्तुकला के सबसे बेहतरीन नमूनों में माना जाता है। २२१ फीट ऊंचे इस घंटाघर का निर्माण अवध के आठवें नवाब नवाब नसीरुद्दीन हैरत(1827-37) ने सर जार्ज कूपर के आगमन पर करवाया था। जो अवध प्रान्त के प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर थे।
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