Kushinagar Mein Ghumne Ki 9 Jagah
चाईनिज मंदिर | Chinese Temple
Kushinagar Mein Ghumne Ki 9 Jagah कुशीनगर में अनेक बौद्ध देशों ने आधुनिक स्तूपों और मठों का निर्माण करवाया है। चिन द्वारे बन गए चीनी मंदिर में बुद्ध भगवान की सुंदर प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा जापानी मंदिर में अष्ट धातु से बनी महात्मा बुद्ध की आकर्षक प्रतिमा देखी जा सकती है। इस प्रतिमा को जापान से लाया गया था। मंदिर की पहली मंजिल पर लाफिंग बुद्धा की बड़ी सी प्रतिमा बनी हुई है जो लोगों को बहुत आकर्षित करती है।लाफिंग बुद्धा या हंसते हुए बुद्ध की मूर्ति सफलता और सौभाग्य लाने वाला मन जाता है मान्यता है कि लाफिंग बुद्धा जिस स्थान पर भी राखे जाते हैं उस स्थान पर धन स्वयम ही आकर्षित होकर चलता आता है इसी विशेषता के करण लोग इनकी प्रतिमा घर ऑफिस और दुकान में रहते हैं।लाफिंग बुद्धा का मनाना था कि कभी रोना नहीं चाहिए हमेशा हंसते रहना चाहिए।
शिव मंदिर |Shiv Mandir
Kushinagar Mein Ghumne Ki 9 Jagah कुशीनगर शिव मंदिर चीनी मंदिर से 50-60 कदम आगे है। यह शिव मंदिर श्रद्धालूओं के आस्था का केंद्र है ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से जो भी यहां भगवान शिव की पूजा करता है। उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है कोई भी श्रद्धालू यहां से निराश नहीं लौटता इसलिए यहां श्रद्धालूओं की भारी भीड रहती है। यहां पर दूर-दूर से भक्त आते हैं पूजा-पाठ तथा जलाभिषेक कर अपनी मन्नते मांगते हैं।
गोल्डन टेम्पल | Goldn Tempal
Kushinagar Mein Ghumne Ki 9 Jagah कुशीनगर का स्वर्ण मंदिर स्थानीय लोगो द्वारा बरमी मंदिर या स्वर्ण मंदिर के नाम से लोकप्रिय यह जापानी मंदिर अद्वितीय संरचाओ में से एक है । और कुशीनगर में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है और कुशीनगर में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन सथलो में से एक है। यह मंदिर आधुनिक सबसे समय की भव्यता को दर्शाता है यह कुशीनगर में सबसे ऊँची बॉध संरचना है। अटागो इशिन वर्ल्ड बौद्ध सांस्कृतिक संघ ने इस कुशीनगर मंदिर का निर्माण किया था, जैसे जापानी राजशाही द्वारा उदारीकरण को बढ़ावा दिया गया था।
बुद्ध मंदिर | Budhha Tempal
कुशीनगर में स्थित यह बुद्ध मंदिर पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में भगवान बुद्ध की 6.1 मीटर ऊंची मूर्ति लेती हुई मुद्रा में राखी है या मूर्ति को कल देखा है। जब 80 वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध ने अपने पार्थिव शरीर को छोड़ दिया और सदा-सदा के लिए जन्म और मृत्यु के बंधन को छोड़ मोक्ष प्राप्त हुआ था।भगवान बुद्ध की इस मूर्ति को लाला बलुआ पत्थर के एक ही टुकड़े से बनाया गया था । इस मूर्ति में भगवान बुद्ध को पश्चिम दिशा में देखते हुए बनाया गया है।इस मंदिर में हर साल पूरी दुनिया से हजारों पर्यटक घूमने और इनके दर्शन के लिए आते हैं।
संग्रहालय | museam
यह साइट 1992 -93 के दौरन जनता के लिए खोला गया था और कुशीनगर में पाए जाने वाले विभिन्न पुरातन खुदाई पेश करती है। कुशीनगर संग्रहालय मूर्तियो, जावानो, सिक्को और बैनर और विभीन प्राचीन वास्तुओ की एक विशिष्ट विविधता जैसे विभीन कलाकृतियों में घुमता है। कुशीनगर राजकिय बौद्ध संग्रहालय को उच्च तकनीकी से युक्त अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाने का प्रयास चल रहा है।
वॉट थाई मंदिर | What Thai Temple
वॉट थाई मंदिर ये भगवान बुद्ध को समर्पित है थाईलैंड के राजवंश की तरफ से इस मंदिर की स्थापना कराई गई हैइस मंदिर की वास्तु काला पूरी तरह से थाई रूप में है और इसके ऊपर जो आकृति बनी हुई है। वह थाईलैंड की राज्य पंछी बाज की बनी हुई है ये वो पवित्र स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध के कुछ स्थान हैं । यहाँ पीछे एक भगवान बुद्ध का मंदिर है जो सोने की बनी हुई है मूर्ति के ठीक सामने एक तस्वीर है जो थाईलैंड के राजा की है थाईलैंड में जो भी व्यक्ति बोध धर्म को मानता है वह पहले 15 दिन के लिए भिच्छुक बनता है फिर अपने बाल दान करता है।
रामाभार स्तूप | Ramabhar Stup
रामभर स्तूप यह एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल है ।जो गंडक नदी के तट पर स्थित है भगवान बुद्ध ने कुशीनगर में ही अपना अंतिम उपदेश दिया था। यह एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है, जहां से मौर्य कालीन आईटीआई की शुरुआत हुई है, और इसकी प्राचीनता को देखा जा रहा है, प्रथम बार इसकी खुदाई में एक राजकीय कर्मचारी ने कराई थी। उत्खनन का दूसरा चरण 1910 इसवी में हीरानंद शास्त्री के अध्यक्षता में शुरू हुआ था। यही पर भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार किया गया था। उस समय पर इसे मुकुट बंधन चैत्य के नाम से जाना जाता था ।
जापान बौद्ध मंदिर | Japan Bauddh mandir
श्रीलंका जापानी मंदिर एक और बौद्ध मंदिर है जिसे कुशीनगर में जैसे बौद्ध संस्कृति द्वार डिजाइन और निर्मित किया गया है। बर्मी मंदिर की तरह जापानी, राजशाही ने इसका खर्च वहन किया जैसे ही आपगेट से प्रवेश करते हैंऔर लॉन को पार करते हैं सिढीयो की एक उधान मंदिर की ओर ले जाती है जो एक ईट गुबद संरचना है ।हलाकी इंडो- जापान -श्रीलंका मंदिर के निर्माण में तीनो देशो के बौद्ध भक्तों के सहयोग का संकेत मिलता है ,लेकिन यह है कि इसमे स्थापित बुद्ध की प्रसिद्ध अष्ट धातु मिश्र धातु की मूर्ति जापान से लाई गई थी ,जब इसे कुशीनगर में लाया गया था तब यह दो टुकड़े में थी और मंदिर में इसके वर्तमान स्वरूप में इसे जोड़ा गया था।
नौका विहार | Nauka Vihar
कुशीनगर नौका बिहार पर्यटन के घूमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। यहां पर बच्चों के खेलने के लिए झूले की व्यवस्था तथा बैठने के लिए पार्क की व्यवस्था है तथागंडक नदी में वोटिंग की व्यवस्था है। यहां पर तरह-तरह के पंछी आते हैं जो पर्यटन के मन को अपनी और आकर्शित करते हैं यहां का शांत वातावरण पर्यटन के मन को खूब भाता है यहां के शांत वातावरण में पर्यटन बैठना पसंद करते हैं।
कुशीनगर में रुकने के लिए होटल |Kushinagar Mein Rukne Ke Liye Hotel
contect noumber – 09810204666